Tuesday, March 24, 2009

साले साहब

साले साहब को दिया लालू ने दुत्कार ,
बहन सहारा न बनी टूटे दिल के तार ।
टूटे दिल के तार दे रहे साधू ताने ,
दस जनपथ की ओर चले राखी बंधवाने ।
पड़ जाती है गले मुसीबत बैठे ठाले,
मिल जाएं यदि साधू यादव जैसे साले ।
- ओमप्रकाश तिवारी

2 comments:

  1. संगीता जी आपकी प्रतिक्रिया लगातार मिल रही है । इससे लिखने का उत्साह बढ़ता है । धन्यवाद ।

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