Friday, April 3, 2009

दिमाग की लाइट

लाइट, एक्शन, कैमरा, यही आपका काम,
राजनीति में खामखां होते क्यूं बदनाम ।
होते क्यूं बदनाम अरे ओ संजू भाई,
नादानी में कब तक झेलोगे रुसवाई ।
पोजीशन बिजली की माना की है टाइट,
पर दिमाग में तो जल सकती है ना लाइट ।
- ओमप्रकाश तिवारी

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