Wednesday, April 22, 2009

जंग

जंग जुबानी है कहीं कहीं चले तलवार,
नेता सभी विपक्ष पर करें वार पर वार ।
करें वार पर वार एक-दूजे से ज्यादा,
भूल गए हैं लोग शब्द की भी मर्यादा ।
कटुता के कारण हुआ लोकतंत्र बदरंग,
भूले दुआ-सलाम भी इसे समझकर जंग ।
- ओमप्रकाश तिवारी

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