Wednesday, September 11, 2013

खेल में सट्टेबाजी ( 23 मई, 2013)

माँ जी कहती थीं सदा पढ़-लिख बनो नवाब,
खेलकूद से बालकों जीवन होय खराब ।
जीवन होय खराब दिखे सच मां की वाणी,
खिलाड़ियों की आज दिखे जब अटकी गाड़ी।
नशा कर रहा कोय जुए की खेले बाजी,
बिगड़े मुंडे आज याद तब आएं माँ जी । 

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