पीएम पद के लिए मोदी की घोषणा पर ( 13 सितंबर, 2013)
जैसे ही घोषित हुआ मोदी जी का नाम,
अडवाणी मुख से तुरत निकल गया हे राम !
निकल गया हे राम सुना जैसे ही नारा,
जाय चढ़ा आकाश आज बुढ़ऊ का पारा ।
अडवाणी जी आप गुरू हैं आखिर कैसे,
शिष्योन्नति को देख जल रहे कोयला जैसे ।
मैं हिंदी का पत्रकार हूं । पिछले 26 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता से जुड़ा हूं । दो ख्यातनाम साप्ताहिक पत्रों - पांचजन्य एवं ब्लिट्ज के बाद अब देश के अग्रणी दैनिक समाचार पत्र दैनिक जागरण के मुंबई ब्यूरो में ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्यरत हूं । हिंदी गज़लों , छंदों और नवगीतों के अलावा अवधी व्यंग्य में भी हाथ आजमाता रहता हूं । दैनिक जागरण में नियमित प्रकाशित हो रहे स्तम्भ 'जनपथ' के जरिए राजनीतिक-सामाजिक क्षेत्र की गतिविधियों पर आम जनता की सोच के अनुसार व्यंग्य करने की कोशिश करता हूं । एक नवगीत संग्रह 'खिड़कियाँ खोलो' एवं उत्तरप्रदेश के विकास पर एक पुस्तक 'दृष्टि - एक ख़ाका उत्तम प्रदेश' का प्रकाशित हो चुकी हैं।
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