शहजादे के बोल से फँसे दिखें सरदार,
कुर्सी अब लगने लगी बेचारे को भार ।
बेचारे को भार रोज होती है हुज्जत,
कल के छोरे आय उतारें उनकी इज्जत ।
पीएम तो है नाम असलियत में हैं प्यादे,
हुकुम चलाएं मॉम कभी उनके शहजादे ।
कुर्सी अब लगने लगी बेचारे को भार ।
बेचारे को भार रोज होती है हुज्जत,
कल के छोरे आय उतारें उनकी इज्जत ।
पीएम तो है नाम असलियत में हैं प्यादे,
हुकुम चलाएं मॉम कभी उनके शहजादे ।
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