Tuesday, October 1, 2013

अध्यादेश वापसी की नौबत ( 2 अक्तूबर, 2013)

शहजादे के बोल से फँसे दिखें सरदार,
कुर्सी अब लगने लगी बेचारे को भार ।
बेचारे को भार रोज होती है हुज्जत,
कल के छोरे आय उतारें उनकी इज्जत ।
पीएम तो है नाम असलियत में हैं प्यादे,
हुकुम चलाएं मॉम कभी उनके शहजादे । 

No comments:

Post a Comment