भाई साहब जेल में भौजी लड़ें चुनाव,
जनता देखे बैठ के राजनीति के दावं ।
राजनीति के दावं करेगा क्या न्यायालय,
अपराधी का खानदान जब है सचिवालय।
लोकतंत्र में ठोकतंत्र की चले दुहाई,
बैठ जेल में भी बंपर जीतेंगे भाई ।
- ओमप्रकाश तिवारी
Friday, April 3, 2009
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sahi kaha tiwari ji, neta/apradhi/afsar/taskar gathjod ne desh ki aisi taisi kar di hai.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया !
ReplyDeleteघुघूती बासूती