माया जी के राज में न्याया देखिए शुद्ध ,
वरुण रासुका में हुए कहि दो शब्द निरुद्ध ।
कहि दो शब्द निरुद्ध बुना यों ताना-बाना,
साध लिया एक तीर छोड़कर डबल निशाना ।
कटने थे जो हाथ उन्हें इक ओर पटाया,
कांग्रेसियों से भी - जय हो - लूटें माया ।
- ओमप्रकाश तिवारी
Monday, March 30, 2009
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